Answer :
तद्भव शब्दों के तत्सम शब्द निम्नलिखित हैं:
[tex]\[ \begin{array}{|c|c|c|c|} \hline तद्भव शब्द & तत्सम शब्द & तद्भव शब्द & तत्सम शब्द \\ \hline पंछी & पक्षी & नाच & नृत्य \\ \hline दिन & दिवस & मोर & मयूर \\ \hline छेद & छिद्र & घोड़ा & अश्व \\ \hline गधा & गर्दभ & दूध & दुग्ध \\ \hline ऊँचा & उच्च & सब & सर्व \\ \hline कान & कर्ण & घड़ा & घटक \\ \hline बात & वार्ता & घी & घृत \\ \hline उल्लू & उलूक & नींद & निद्रा \\ \hline नाक & नासिका & भाई & भ्रातृ \\ \hline केला & कदली & हाथ & कर \\ \hline \end{array} \][/tex]
यहाँ हर तद्भव शब्द के सामने उसका तत्सम शब्द लिखा गया है। तद्भव शब्द वे होते हैं, जो बोलचाल की भाषा में उपयोग होते हैं, जबकि तत्सम शब्द संस्कृत के मूल शब्द होते हैं।
[tex]\[ \begin{array}{|c|c|c|c|} \hline तद्भव शब्द & तत्सम शब्द & तद्भव शब्द & तत्सम शब्द \\ \hline पंछी & पक्षी & नाच & नृत्य \\ \hline दिन & दिवस & मोर & मयूर \\ \hline छेद & छिद्र & घोड़ा & अश्व \\ \hline गधा & गर्दभ & दूध & दुग्ध \\ \hline ऊँचा & उच्च & सब & सर्व \\ \hline कान & कर्ण & घड़ा & घटक \\ \hline बात & वार्ता & घी & घृत \\ \hline उल्लू & उलूक & नींद & निद्रा \\ \hline नाक & नासिका & भाई & भ्रातृ \\ \hline केला & कदली & हाथ & कर \\ \hline \end{array} \][/tex]
यहाँ हर तद्भव शब्द के सामने उसका तत्सम शब्द लिखा गया है। तद्भव शब्द वे होते हैं, जो बोलचाल की भाषा में उपयोग होते हैं, जबकि तत्सम शब्द संस्कृत के मूल शब्द होते हैं।